हयात्त सो गई !!!!!!!!!!!! जग रही हो !!!!!!!एक बात मेरे समझ में नही आता है की लोग कहते है भाग्य के आगे किसी की नही चलती क्या ये सही है। अगर आप कल मुझे नही मिलती तो इसे मै क्या मानूं। भाग्य या अपनी नकाबयामी । क्योकि मै तो ज्यादा पढ़ा नही हूँ, आज पैसे भी नही है , न तो जात है मतलब मिलने के कोई आसार नही है , तो ये भाग्य है या मेरा कर्म । मुझे लगता है अगर कर्म होता तो मै बहुत पढ़ा लिखा होता । मेहनत कर के बहुत सारा धन और दौलत कमाता । तो मुझे लगता है की कर्म ज्यादा अहमियत है । परन्तु कुछ लोगो को देखा तो सब कुछ होते हुए भी ये अपना प्यार नही मिलता। ये उसका भाग्य था!!। कारण जो भी हो भाग्य या कर्म सब कुछ वक्त के हिसाब से बदलता है। मान लो जिस वजह से आप मुझे छोडोगी वही वजह वहां आपका इंतजार कर रहा हो , जिस खुशी और इज्ज़त के लिए आप मुझे छोडोगी इसकी क्या गारंटी है की वो आपको वह हमेशा मिले !!!!!!!!तो क्या ये आपका भाग्य होगा ??????या फ़िर आपकी गलती यानी कर्म । खैर जो भी मै आपको चाहता हूँ ,,,आपको खुस देखना चाहता हूँ इसलिए आपको जो भी अच्छा लगे कर लेना । मै मुकेश जी के गए गाना को गाता रहूँगा ........जब...