Skip to main content
जय माता दी ॥

आज सुबह जब नींद से उठा तो आपकी यादों ने फ़िर से मुझे रुला दिया। लेकिन क्या करूँ , मै दौड़ कर आपसे मिलने भी नही आ सकता । इसलिए अब चिट्ठी का सहारा ले रहा हूँ आप तक अपनी बात पहुचने के लिए।

मेंने आप से वादा किया था की इज़हार करूँगा तो सारा संसार सुनेगा । तो आज आपको बोलूँगा सारा संसार सुने या न सुने लेकिन पढेगा जरुर ॥ पहले कुछ कम की बातें कर लेते है फिर तो आपका और हमारा ही मामला रहेगा तो बात तो होती ही रहेगी। थोड़ा सन्नाटा हो जाये, लोग कम हो जाये ताकि इजहारेमुहब्बत में कोई रूकावट न हो।
आज कल कम नहीं है तो तनाव आ जाना स्वाभाविक है परन्तु आपकी याद काफी है अपने को अकेलेपन से बचाने के लिये । जब भी भविष्य के अँधेरे में देखता हूँ तो सोचता हूँ अगर यही हाल रहा तो हमारी जिंदगी कैसे चलेगी


Comments

Popular posts from this blog

आप के कारण उठा दर्द

नृत्य और अभिनय तो मेंरे जीवन के अंग है। पर इन अंग में आप एक अभिन्न अंग है। कुछ दिन पहले जब झारखण्ड में मई डांस करने के लिए गया था, तो मै आपको बहुत ही यद् करने लगा। कारण जब मेक अप की बारी आयी तो सरे लडको को उसकी लडकी दोस्त मेक अप कर दी । मेरी कोई तो वहाँ कोई थी नहीं इसलिए मै बहुत उदास हो गया। जब तक मै आपके प्यार के गिरफ्त में नहीं था तो कोई फर्क नहीं पड़ता था। पर आपसे इश्क होने के बाद मै बहुत ही परेशान हो जाता हूँ। .........अब आप ही बताओ इस तरह से याद आना , फिर मुझे रुआंसा करना, क्या आप अच्छा मानती हो। अब इस तरह से मत तडपाओ , मत सताओ, बहुत याद आती हो, हर कदम पर , हर काम में, हर समय यूँ याद आना और सिर्फ याद आना ,,,कब तक मै झेल सकता हूँ... ,...................भारत सरकार के गीत और नाटक प्रभार के इस प्रोग्राम में धन्यवाद करता हूँ... महिमा का जिसने मेरा मन लगा दिया....धन्यवाद तुषार, जीतेन्द्र, अजीत रागी का जिसके वजह से आपकी याद से काम हताश हुआ और प्रोग्राम कर दिया... महिमा ने ही मेरा मेक अप किया था.... आप कब आओगे। मुझे आपका बेसब्री से इंतजार है। आप को तो मै बोल कर कह नहीं पता हूँ...इसलिए अप

आप की रहम नज़र

मै जिस दिन भी आपसे लड़ने के मूड में होता हूँ। पता नहीं वो दिन कुछ ज्यादा ही बुरा जाता है। कल तो हद हो गई । ये सच है की मीडिया में या फिल्म में शोषण का चलन, प्रचलन नहीं बल्कि बदचलन है। अपने पांच साल के फ़िल्मी जीवन में कभी भी पैसे के लिए गाली या लड़ाई का सहारा नहीं लिया। पर कल एक छोटी- मोटी कंपनी के साथ बहस बाजी हो गई। बिनोद महाजन नाम का ये आदमी मुझे ६ महीने से काम करने के बाद भी पैसे नहीं दे रहा था। कल मैंने अपने एक दोस्त को बताई की बिनोद महाजन नाम का इस आदमी को पता नहीं काम कराके पैसे ना देने की आदत है या मुझसे भी ज्यादा गरीब हो गया है। मैंने कहाकी पैसे दे दो। तो बहस बाजी के बाद उसने कहा की पैसे नहीं दूंगा। तो मैंने भी सोचा और उसे कहा की जाओ आपके बेटी की शादी के पैसे में मेरी तरफ से ये पैसे जोड़ लो। खैरात समझ कर रख लो... तुम्हे भी पता चले की किस रईस बिहारी से पाला पड़ा है। इस काम में यति दुआ नाम का आदमी भी था जिसने काम दिलवाया था, बदले में उसे कमीशन देना था। पर वो तो बाद में सीधा मुकर गया। वो भी मीडिया का ही आदमी है। अब ऐसे लोगो के साथ तो काम करना गुनाह है। मुझे दुःख इस बात का नहीं